..( आमीन )..


हर रोज बहलाता हूँ बच्चे को चाँद दिखाकर
एक दिन मै जरुर दूँगा उसे खिलौना लाकर

मै अबतक नहीं सिख पाया माँ बाप से सबकुछ
वे चालाकी से डकारते है आधे पेट खाकर

लड़की का बोझ तो समझने लगी मेरी बेटी
बस उससे नजर मिला पाऊ हिम्मत जुटाकर

एकदिन मेरे बच्चे बहोत ऊँचाई पे उड़ेंगे
एकदिन मै भी लाऊँगा आसमाँ कमाकर

मै जानने लगा जो मेरा है मुझे सब मिलेगा
तबसे दुआँ भी करता हूँ मेरे ख्वाब घटाकर

बरकत हो रदीफ़ काफिये में, एक दिन ही सही
एक ही गजल लिखूंगा वो भी नाम हटाकर

.box {
box-shadow: 5px 5px 2px black;
-moz-box-shadow: 5px 5px 2px gray;
-webkit-box-shadow: 5px 5px 2px black;
position: relative;
-webkit-transition: top 300ms linear;
}
.box:hover {
top: 20px;
}

– तनवीर सिद्दीकी

1 thoughts on “..( आमीन )..

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.